तुम्हारा ख्याल, दोस्तों के नाम

काफी दिनों के बाद एक बार फिर से कुछ लिखने को दिल चाहा, लिखना कुछ ऐसा चाह रही हूं जो आपके दिल को छू जाए। कुछ ऐसा जो दिल में उतर जाए। बात दिल को छू लेने और दिल में उतरने की हो तो, लगता है कि अपने प्यार के बारे में लिख जाऊं। हां वही प्यार जो खास होता है, दिल के करीब होता है, और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है, जिसके बिना जिंदगी, जिंदगी नहीं लगती। ये प्यार है अपनी मां से, अपने पिता से, भाई से, बहन से, किसी खास से और सबसे अजीज दोस्तों से। आज सुबह दफ्तर में तुम्हारे बगल में बैठी थी, तुम कुछ लिख रहे थे शायद। हां तुम लिख ही तो रहे थे, कुछ शब्द पिरो रहे थे, अपने दोस्तों के नाम। शब्दों की माला को पिरोकर वो एहसास उन शब्दों में डालने की तुम्हारी कोशिश साफ नजर आ रही थी तुम्हारी आंखों में। तुम्हारे एहसास को तुम्हारी उंगलियाँ बयां कर रही थी। जो तुम लिखना चाह रहे थे, वो सब तुम्हारी उंगलियाँ बड़े ही शौक से वर्ड पैड पर लिखती चली जा रही थीं। लेकिन तुम बीच में ही रुक गए। ये कहते हुए की आज मैं कुछ खास लिखूँगा अपने दोस्तों के नाम। मैंने भी तुमसे बोला था कि तुम्हारे इन शब्दों को मैं पूरा करूंगी। तु...