परियों की दुनिया, चलो घूम आएं..
नींद में अक्सर लोग ऐसी जगह का सफ़र करते हैं। जिसकी कल्पना से ही लोग सातवें असमान में उड़ने लगते हैं , और अगर बात परियों की हो तो बच्चों से लेकर बड़े तक एक अलग दुनिया में चले जातें है .... आज एक ऐसी कहानी जो एक अलग ही दुनिया में ले जाएगी।


एक ऐसी जगह जो असमान में बदलो के बीच में थी। वहां पे एक फूलों का बड़ा सा महल था चारों तरफ खुशबू ही खुशबू थी रंग बिरंगी तितलियाँ भ्रमण करती थी। उसी खुशनुमा माहोल में रंग बिरंगी परियां भी रहती थी। जिनके नाम नीली परी , हरी परी , गुलाबी परी ,पिली परी , जिसमे से सबसे छोटी परी लाल परी थी जो की बहुत ही खुबसूरत थी जिसके कदमों की आवाज से ही कलियाँ खिल जाती थी और उसका दिल बहुत ही कोमल , नाजुक और दया से भरा हुआ था जो की बहुत ही चनचल थी । परियों की रानी जो की सुनहरी परी थी वो बाकि की सभी परियों को प्यार करती थी और सबका ख्याल भी रखती थी, जिसमें जिसमे से सबसे ज्यादा प्यार वो लाल परी को करती थी क्योंकि वो सबसे छोटी थी।
पूरण मासी में सभी परियां धरती पे आकर खेला करती थी। एक दिन पूरण मासी में सभी परियां धरती पे उतरने की तैयारी कर रहीं थी तभी जोर शोर से चल रही तैयारी को देख कर लाल परी भी जिद्द करने लगी। रानी माँ के लाख मना करने के बाद भी वो नही मानी और नीचे धरती पर आ गई। और खेलते 2 वो एक ऐसी लडकी से मिली जो बहुत ही गरीब थी उसके पास खाने को तथा पहनने को कपड़े भी नहीं थे।ये सब देख के लाल परी को बहुत दुःख हुआ और उसने अपनी रानी माँ से कह के उसके लिए रहने को सुंदर सा घर और पहनने को सुंदर वस्त्र दिलाये। जिससे वो लडकी खुश हो गयी। ये कहानी थी एक ऐसी परी की जो अपने दयालु हिरदय से किसी को खुश के दिया। .
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