'अब 'राम'' के नाम से तौबा' बदल लो अपने बच्चे का नाम
'राम' नाम से शालीनता और सभ्यता झलकती है. और तो और एक समय ऐसा भी था की राम के नाम पर लोग आंख मूँद कर विश्वास कर लिया करते थे. लेकिन अब समय बदल गया है जनाब, समय बदला तो बदला लेकिन ऐसा भी क्या बदला की राम के नाम को पैरों तले ही कुचल डाला. अरे निर्दयी राम के नाम का सम्मान ना सही लेकिन उस कोख का सम्मान तो कर लेता जिसने तुझे इस दुनिया से रूबरू करवाया, वो मां बाद में बनी पहले तो एक औरत ही थी. तूने ऐसा इतिहास रचा जिसे आने वाली 70 पीढियां याद रखेंगी. कोख वही है बदला है तो चेरा जिसकी असमत तू लूटता चला आया है. अब सुनिए असल सच्चाई और 'राम' के नाम से ही तौबा कर लो. और तो और जिसने भी अपने बच्चे का नाम ये सोचकर भगवान राम पर रखा होगा. वो तो इसे अपनी जिन्दगी की सबसे बड़ी गलती समझ रहे होंगे. उन्हें भी यही लग रहा होगा की कहीं उनका राम भी बलात्कारी राम न बन जाए.
नज़र डालें भी तो किसमें ? बाबा आसाराम बापू पर.. जिक्र करना तो नहीं चाहती क्योंकि जिक्र करने मात्र से मन गंदा हो जाता है. उनको भी बुढ़ापे में ऐसे सहारे की तलाश थी जो उन्हें उनकी जवानी याद दिला दे.. धिक्कार है भाई...
आइये जरा बताएं अब बाबा राम रहीम के बार में. कपडे रंगीन कर लियें साथ में अपना गंदा मन भी रंगीन कर रहे थे बलात्कारी बाबा जी. जब आप हंसते थे तब तो दुनिया अनजान थी. अब दुनिया हंस रही है लेकिन आपको तो सब पता है आप अंतरयामी भी तो हैं..
इन दिनों फुल फूटेज में हैं बाबा जी. हम आपको ये इसलिए बता रहे हैं ताकि आपको ये ना लगे की नीतिका अपने इस ब्लॉग के जरिये अपनी बात आप तक नहीं पहुंचा पा रही. खैर आगे आपके मतलब की बात होने जा रही है. मेरी बात मानिये तो आप बच्चे का तुरंत नाम बदल डालिए वरना अगर सिस्टम हिल गया ना तो खामखां लेने के देने पड़ जाएँगे आपको. बाकि आपकी मर्ज़ी.
कहते हैं न भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं. तो अब दोषी को सजा तो मिल गुई लेकिन इस सजा से उसके गुनाह कम नहीं होने वाल्व. जिसकी जिन्दगी वो कलंकि बिगड़ चूका है उसके लिए उसे गोली मार देनी चाहिए. आपको बता दूँ की ये मेरी अपनी राय है. अगर आप रहीम बलात्कारी के भक्त नहीं हैं तो इस पाप का जमकर विरोध कीजिये, और अगर आप बलात्कारी बाबा के बड़े वाले फॉलोवर हैं तो सजा के हकदार आप भी है. तैयार रहिये अगला डंडा आपको भी पड़ सकता है.
नज़र डालें भी तो किसमें ? बाबा आसाराम बापू पर.. जिक्र करना तो नहीं चाहती क्योंकि जिक्र करने मात्र से मन गंदा हो जाता है. उनको भी बुढ़ापे में ऐसे सहारे की तलाश थी जो उन्हें उनकी जवानी याद दिला दे.. धिक्कार है भाई...
आइये जरा बताएं अब बाबा राम रहीम के बार में. कपडे रंगीन कर लियें साथ में अपना गंदा मन भी रंगीन कर रहे थे बलात्कारी बाबा जी. जब आप हंसते थे तब तो दुनिया अनजान थी. अब दुनिया हंस रही है लेकिन आपको तो सब पता है आप अंतरयामी भी तो हैं..
इन दिनों फुल फूटेज में हैं बाबा जी. हम आपको ये इसलिए बता रहे हैं ताकि आपको ये ना लगे की नीतिका अपने इस ब्लॉग के जरिये अपनी बात आप तक नहीं पहुंचा पा रही. खैर आगे आपके मतलब की बात होने जा रही है. मेरी बात मानिये तो आप बच्चे का तुरंत नाम बदल डालिए वरना अगर सिस्टम हिल गया ना तो खामखां लेने के देने पड़ जाएँगे आपको. बाकि आपकी मर्ज़ी.
कहते हैं न भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं. तो अब दोषी को सजा तो मिल गुई लेकिन इस सजा से उसके गुनाह कम नहीं होने वाल्व. जिसकी जिन्दगी वो कलंकि बिगड़ चूका है उसके लिए उसे गोली मार देनी चाहिए. आपको बता दूँ की ये मेरी अपनी राय है. अगर आप रहीम बलात्कारी के भक्त नहीं हैं तो इस पाप का जमकर विरोध कीजिये, और अगर आप बलात्कारी बाबा के बड़े वाले फॉलोवर हैं तो सजा के हकदार आप भी है. तैयार रहिये अगला डंडा आपको भी पड़ सकता है.
Super story
ReplyDeleteKuch gltiyan subh thik krungi :)
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