'निर्भया' तुम्हारे गुनाहगारों को नहीं मिली माफ़ी...
और इस तरह जब सुप्रीमकोर्ट का वो कमरा तालियों से गूंज उठा.. तुम सुन रही हो न निर्भया ?? तुम्हारी आँखों में आंसू थे, तुम्हारी आवाज में वो दर्द था जिसकी एक आवाज ही सबको झकझोर कर रख देने के लिए काफी थी, तुम्हारे लिए तुम्हारे गुनाहगारों को सजा दिलाने के लिए वो सब आगे आए जिनके लिए बेटी कुछ भी मायने नहीं रखती थी,
याद है वो रात, कोई कैसे भूल सकता है उस हैवानियत को, कोई कैसे भूल सकता है उस वास्तविकता को जिससे तुम जूझी हो, न सिर्फ तुम तुम्हारे माता-पिता भी, लेकिन यकीन मानो आज वो खुश होंगे उस फैसले से जो आज से 5 साल पहले ही हो जाना चाहिए था. देर में ख़ुशी मिली और तुम्हे इन्साफ भी, लोगों को इस फैसले से थोडा तो भरोसा होगा. लेकिन 16 दिसम्बर 2012 से आज के दिन न जाने कितनी बेकसूर लड़कियों ने और मासूमों ने इस गंदी बर्बरता को झेला है.
तुमको पता है ये वही लोग हैं जो आज तुम्हारा साथ दे रहे थे जो कल तुम्हारे ही चरित्र पर सवाल उठाते थे, खैर तुमको इन्साफ मिला. और तुम्हारे माता-पिता के लिए ये पल खास है.
याद है वो रात, कोई कैसे भूल सकता है उस हैवानियत को, कोई कैसे भूल सकता है उस वास्तविकता को जिससे तुम जूझी हो, न सिर्फ तुम तुम्हारे माता-पिता भी, लेकिन यकीन मानो आज वो खुश होंगे उस फैसले से जो आज से 5 साल पहले ही हो जाना चाहिए था. देर में ख़ुशी मिली और तुम्हे इन्साफ भी, लोगों को इस फैसले से थोडा तो भरोसा होगा. लेकिन 16 दिसम्बर 2012 से आज के दिन न जाने कितनी बेकसूर लड़कियों ने और मासूमों ने इस गंदी बर्बरता को झेला है.
तुमको पता है ये वही लोग हैं जो आज तुम्हारा साथ दे रहे थे जो कल तुम्हारे ही चरित्र पर सवाल उठाते थे, खैर तुमको इन्साफ मिला. और तुम्हारे माता-पिता के लिए ये पल खास है.
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