तो इस दुनिया के बारे में जानते हैं क्या आप.. ??

और यहाँ से शुरु हुई वो कहानी जिसको जानने को जितना आप उत्सुक हैं यकीन मानिये उतना ही मैं भी थी, क्योंकि दिमाग की खिड़की में सिर्फ एक ही सवाल बार बार किसी घड़ी के सुई के तरह टिक-टिक कर रहा था की आखिर जिस दुनिया के बारे में जानने के लिए मैं इतनी उत्सुक हूँ वो दुनिया है भी या नही, वो दुनिया है सपनों की दुनिया, अभी अच्छे तो कभी बुरे, कभी किसी आसमान में रंगबिरंगी पतंग की तरह खुद को उड़ता देखना तो कभी सागर की गहराइयों से भी गहराई में उतर जाना, क्या आप जानते हैं इस दुनिया के बारे में??

बचपन में जब भी हमारे घर की लाइट मतलब बिजली कट जाया करती थी तब मैं और मुझसे बड़े मेरे भाई-बहन दादी की तख्त को घेर लिया करते थे, उस समय न तो कोई मोबाइल फोन हुआ करता था और न ही टाइमपास करने के दूसरे साधन, छोटे थे तो घर में काम कराने का भी इतना इंटरेस्ट नहीं होता था, इंटरेस्ट तो मोहल्ले में सारे बच्चों को इख्ठा करके छुपन- छुपाई या पौसम-पाई में सारा वक्त यूँ ही गुजार दिया करते थे. तो जब भी दादी के पास बैठती थी तो उनकी काल्पनिक कहानियों और बातों में सिर्फ एक ही बात होती थी की जो सपने हम देखते हैं उनकी असल में वास्तविकता है भी या नही.


बातों ही बातों में ये पता चला की सपने हमारे दिमाग में चल रही उथल-पुथल का ही एक अजीब सा हिस्सा ही होता है. बड़ों की मानो तो सपने आगे आने वाला समय भी निर्धारित करते है, और मैं आपको बता दूँ की मैंने कई जगह कई साइट्स पर सपनो के असल मतलब के बारे में पढ़ा है, और सपनों का मतलब जानने के लिए हम सभी उत्सुक रहते हैं लेकिन भाईसाहब यकीन मानिये सपने तो सपने होते हैं भला कौन रोक सकता है इन्हें..... न ही आप और न ही मैं..  तो ये दुनिया है तो अजब सी लेकिन इनकी दुनिया है भी या नही वो अब आपकी दादी और नानी ही बताएंगी.

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